प्रोजेक्ट ब्लू बीम, शैतान का विश्वधर्म
नोटः सर्ज मोनेस्ट और अन्य एक पत्रकार "प्रोजेक्ट ब्लु बीम" के लिए रिसर्च कर रहे थे तो उन का एक ही सप्ताह में एक ही तरह के दिल के दौरे से मौत हो गयी थी, दोनों मे से किसी को दिल की बीमारी नही थी । सर्ज केनेडा में था और दुसरा केनेडियन आयर्नलेन्ड की विजिट पर था ।
उस की मौत से पहले केनेडियन सरकार ने उसे रिसर्च करते रोकने के लिए उसकी बेटी का अपहरण कर लिया था जो कभी वापस नही आयी थी ।
प्रोजेक्ट ब्लु बीम ने गुनाहित रित से दिल का नकली दौरा करवा दिया ।
प्रोजेक्ट ब्लु बीम किस लिए?
दुनिया के सभी मौजुदा पारंपरिक धर्मों को मिटाकर एक नये कोमन धर्म की स्थापना के लिए । राष्ट्रिय पहचान, राष्ट्रिय गौरव को समाप्त कर के वर्ल्ड प्राईड और वर्ल्ड पहचान बनाने के लिए ।
हम देख रहे हैं धर्म को मिटाने के लिए नास्तिक और सेक्युलर जनता की फौज खडी हो गयी है, नये नये धर्म गुरुओं की फौज खडी हो गयी है जो नकली हिन्दु बन के दानवों का ग्लोबल एजन्डा चला रहे हैं अपनी अपनी दुकान में बैठ कर । राष्टिय गौरव जैसा तो पिछले १०० साल से नही है, पहले था उसे वामपंथी इतिहासकार, बुध्धिजीवी लेखक और फिल्मकारों ने मिटा दिया है ।
इल्लुमिनीटी ने बडी सावधानी से योजनाबद्ध तरीके से हिन्दु धर्म सहित सभी धर्मों और भगवान से विश्वासनष्ट कर दिया है/ नष्ट किया जा रहा है उस में कोइ शक है ? शैतान पंथी हम पर राज कर रहे हैं उस बात के सबूत देने की जरूरत है ?
सभी समाजिक रचना, पूरी कुटुंब व्यवस्था को मिटा कर मानव को सिर्फ व्यक्ति बना कर नयी बन वर्ल्ड वन गवर्नमेन्ट के गौवर के लिए काम पर लगाना ।
सभी व्यक्तिगत कला और विज्ञान की उपलब्धियों को भूला कर वन वर्ल्ड गवर्न्मेन्ट के लिए वन-माईन्डसेट को स्थापित करना ।
समाज रचना और कुटुंब प्रथा में क्या तकलिफ है ?
१९९२ में रसिया के टुकडे करनेवाले मिखाईल गार्बोचेव और इल्ल्युमिनिटी की एक संस्था "क्लब ओफ रोम" ने मिलकर युनो के लिए एक डॉक्युमेन्ट बनाया था "ध अर्थ चार्टर" । उस अर्थ चार्टर में मानव कल्याण के बारे में बहुत मिठा मिठा लिखा है लेकिन असल में उस डॉक्युमेन्ट के हिसाब से युनो के धन माफिया पूरी धरती के मालिक बन जाते हैं और धरती की प्रजा उस की प्रोपर्टी बन जाती है । उस डोक्युमेन्ट को दुनिया के देशों के पास साईन करने के लिए भी नही भेजा है क्यों कि चेलेन्ज होते ही अदालतों के चक्कर में फंसने का डर था । भारत के आधार कार्ड की तरह कोइ भी कानूनी मान्यता के बीना चलाया है और दुनिया के देशों में पिछले दरवाजे से लागू भी हो रहा है ।
दुनियाने असली साम्यवाद देखा नही है । वर्ल्ड गवर्नमेन्ट असली साम्यवादी होगी, साम्यवादी मानते हैं कि आदमी सिर्फ प्राणी है, जनसमुह भेंड की टोली है । ( वे पीपल को शीपल कहते हैं ) । लेकिन आदमी में धर्म और संस्कार है इसलिए आदर्ष भेंड नही बन सकता है, चेलेन्ज करता है, विद्रोह करता है, बराबर कंट्रोल नही हो रहा है ।
जब आदमी जानवर है तो उसे समाज और कुटुंब की जरूरत नही । कुटुंब के कारण ही आदमी में धन की लालच जागती है । कुटुंब के कारण ही वो धन बचाता है, घरमें अनाज का संग्रह करता है । ये सब करप्शन है । ऐसे जन समुह को जीतना भारी पडता है । इस लिए कुटुम्ब प्रथा को तोड कर लिव इन रिलेशन और फ्री सेक्स, गे, लेस्बियन, एनिमल सेक्स जैसे अस्थायी विकल्पों की और आदमी को मोडा जा रहा है ।
आदमी प्राणी है तो उसके पास प्रोपर्टी नही होनी चाहिए । एक जानवर के पास प्रोपर्टी कैसे हो सकती है ? साम्यवाद में प्रोपर्टी रखना मना है, सभी चीजें सरकारी होती है । इसी लिए तो भारत में नगरिकों की प्रोपर्टी छीनने के दाव खेले जा रहे हैं । एक प्यादे का गुट कहता है नागरिकों के पास कॅश धन रखने का अधिकार नही होना चाहिए, सारा धन मालिकों के बेंकों मे होना चाहीए । दुसरे प्यादे का ध्यान जमीन पर है । २५० स्केर फुट का घर ही आदमी को देना चाहता है, बडा हो तो प्रोपर्टी टेक्स की मार से छीन लेना चाहता है । नागरिक को अपनी दुकान या कारखाना चलाने का अधिकार नही है । दानवों ने अपनी कंपनियां खडी कर के दुनिया के देशों में भेजा है ताकी नागरिकों की दुकाने और कारखाने बंद कराया जा सके ।
नागरीक खूद सरकार की प्रोपर्टी है । आने वाले वैश्विक साम्यवाद में आदमी बच्चे का भी हक्कदार नही होगा । सरकार ही बच्चों की मालिक होगी, अपने हिसाब से पालन करेगी । उसकी निव डाली गयी हैं बच्चों को स्कूल में खाना खिलाकर । मांबाप को टेक्स और मेहंगाई और बेरोजगारी की मार से कमजोर कर के बच्चों पर वैसे ही दया नही दिखई है । नयी पिढी को सरकार की ऋणी बनाना है और माबाप से ज्याद सरकार ख्याल रखती है ऐसा एहसास दिलाना है ।
पृथ्वी पर स्थिरता पूर्वक शैतान राज चलाने के लिए, दुनिया की सरकारें मिटाई जा सकती है, अर्थतंत्र और करंसी का कबजा ले लिया जा सकता है पर विविधता भरे धर्म और विश्वास का क्या ? विश्वास प्रणालि चाहिए ही नहीं । लोगों को एक जैसे जानवर बना कर शैतान के पूजारी बनाना आसान है एकजुट करने के लिए ।
शैतानी की बूक ओफ रिविलेशन के १३.०७ में लिखा है "दुनिया की हर जनजाति, लोग, भाषा राष्ट्र पर शैतान का अधिकार होगा" ।
प्रॉटोकोल ५.११ अनुसार इल्लुमिनेटी की योजना कहती हैं, " दुनिया के सभी राज्य के बलों को अवशोषित करना और एक सुपर सरकार बनाना "
रिविलेशन १३.०८ " पृथ्वी के निवासी शैतानी जानवरों की पूजा करेंगे । "
एक कुत्ता अगर पिछे पडे तो भाग के किसी की दुकान में घुस जाने वाले हम पापड तोड शैतानी शेर की पूजा तो नही करते पर गर्व जरूर करते हैं कि "हमारे देश में शेर है !"
हमारे सनातनी पूरखे जीन को अधर्मि राक्षस समज कर मारते थे या सुधारते थे वो ही आज हम पर राज कर रहे हैं । हमारे पूरखें वाघ या शेर जैसे राक्षसी प्राणीयों का शिकार करते थे आज उन प्राणियों की रक्षा करनी पडती है, उन की सेवा में वन कर्मियों को रख्खा जाता है । खूद शेर जैसे राजा अशोक को गद्दार बौध्धों की मदद से बकरी बना दिया था और शैतानी जानवर शेर को उनका राजचिंन्ह बना दिया था । आज भी उन शैतानी जानवरों को राष्ट्रिय दरजा मिला है । हमारे नेताओं को इस बात का पता भी नही होगा की अंग्रेज जाते जाते इन जानवरों को क्यों देश के माथे पर मारते गये थे !
प्रोटोकॉल १५.२० "वे हमारे शासक को देवता मान कर स्तुति और गुणगान करेंगे और भक्ति के साथ हमारे शासक की निरंकुशता स्वीकार करेंगे । हमारे शासक ही ब्रह्मांड के वास्तविक धर्मगुरु, पोप, अंतरराष्ट्रीय चर्च के पैट्रिआर्क हो जाएगा ।"
धर्म तोडने की योजना
लंबी अवधि की रणनीति है:
(1 ) डिवाईड एन्ड रूल, धर्म को सेक्टर में विभाजन करो, एक ही धर्म में नये नये संप्रदाय पैदा करो; श्रध्धालुंओं के बीच संदेह पैदा करो ।
(2) धर्म की नीव पर ही हमला करो, श्रध्धावानों में शंकायें पैदा कर आपस में लडवा दो ।
(3 ) अंत में, असंन्तुष्टों के झुंड को अन्य धर्मों की तरफ ले जाओ । भारत में सभी धर्मों से निकले कचरे के लिए ईसाई धर्म अच्छा रिसायकलबीन है और नास्तिकता तो है ही ।
हम देखते हैं आज मूल धर्मों की अनेक ब्रान्च हो गयी है, टोटल मारते हैं तो चार हजार के उपर संप्रदाय है धरती पर ।
शैतानों ने भगवान का विश्वास और मानव होने के गर्व का खंडन करने के साधन रूप डार्विनवाद चलाया था । डार्विन नाम के फ्रॉड शेरबाजार के आदमी को नकली सायंटिस्ट बना दिया था ।
प्रोटोकॉल 02:03 "हम डार्विनवाद पूरी तरह चलाने लिए व्यवस्था बनाने में सफलता हासिल करेंगे ।"
प्रोटोकॉल 17:02 धर्मग्रंथों और बाइबिल पर हमले "हिन्दु धर्म, ईसाई धर्म सहित अनेक धर्म का पूरी तरह सफाया । रॉकेफिलर्स फन्डेड सबसे कुख्यात इसाई धर्मगुरुओं द्वारा सेमिनार में गोस्पेल पर सवाल उठायाजाता है । बाइबल गॉड द्वारा लिखी गयी थी या नही, मेरी वर्जीन थी या नही, वर्जीन थी तो बच्चा किधर से आया, १९ विं सदी से ये सब शुरु हो गया था । और भारत में तो बुध्ध से पहले के समय से चल रहा था । नये नये नास्तिक पैदा होते थे लेकिन सब से पहला नास्तिक बुध्ध सफल हो पाया था सनातन धर्म को तोडने में । तब से आज तक तो हजारों आ गये हैं अपनी अपनी दुकाने ले कर ।
रॉकेफिलर्स का एक प्यादा धर्मगुरु फोस्डीक था, उसने इसाई धर्म में मोडर्निजम चलाया था । उस के धर्मोपदेश से जनता में आक्रोश फूट पड़ा था । इस्तीफा दे कर भागना पडा था । थोडे समय बाद रॉकेफिलर्स ने दुसरी जगहनदी के किनारे के चर्च के पादरी के रूप में काम पर रखा था और $ 4,000,000 खर्ख कर के फोस्डिक के प्रवचन की किताब की 130,000 प्रतियां मुद्रित कर के मंत्रियों और जनता में वितरित कर दी थी । फोस्डिक का भाई रेमंड रॉकफेलर फाउंडेशन का अध्यक्ष था । ब्रिग्स और फोस्डिक जैसे धर्मशास्त्रियों द्वारा व्यक्त किए गए विचारों में इसा मसीह की दिव्यता, चमत्कार और जी उठने की बात का नकार शामिल थे जीसे मोडर्निजम कहते हैं । ईसाई धर्म के प्रमुख सिद्धांतों का पूरा परित्याग था । रॉकफेलर का धन कोन्वेन्ट और चर्चों में रिस चुका है । अब तो आधुनिकता बहुत आगे बढ गयी है, शैतान के द्वार खटखटाने लगी है । धर्म विरोधी फिल्में, डोक्युमेन्टरी टीवी शो और हजारों देश विदेश के युवा और बुढे नास्तिक ब्लोगरों को सोसियल मिडिया में लगा दिए हैं जो अपने अपने देश के धर्मों की वाट लगा रहे हैं ।
ब्लू बीम प्रोजेक्ट १९८३ में युनो और नासा के सहयोग से बना था, शायद "स्टारवोर्स" के नाम एक योजना पसिध्ध हुई थी वोही हो सकता है । मूल प्रोजेक्ट १८ साल बाद लिक हुआ था उस के बाद आज तक कोइ अपडेट नही । अब तो उन लोगों ने नयी तकनिक, स्पेस हार्डवेर और सोफ्टवेर की नयी नयी खोज के बाद काफी सुधार कर लिया होगा ।
तो, संयुक्त राष्ट्र आज नए युग का जो आंदोलन चला रहा है उन लक्ष्यों को कार्यान्वित करने के लिए नया "मसीहा" पैदा करना है ।
नई विश्व व्यवस्था के उपकरण हैं,
1 एक अंतरराष्ट्रीय सेना,
2 एक अंतरराष्ट्रीय पुलिस बल,
3 अर्थव्यवस्था के लिए विश्व बैंक,
4 संयुक्त राष्ट्र के तहत एक विश्व सरकार,
5 दुनिया भर के जंगल के संरक्षण के लिए एक वर्ल्ड कन्जर्वेटरी बैंक,
6 सभी धर्मो को हटाता एक विश्व धर्म,
7 मानव गुलामों का काम करने की क्षमता पर आधारित सात जातियों में वर्गीकरण होगा, चाहे सहमत हो या ना हो ।
8 जो नयी सिस्टम को नही मानेगा उस सभी को मरने तक संयुक्तराष्ट्र के कोन्सेन्ट्रेशन कॅम्पों में डाल दिया जायेगा ।9 "ध वर्ल्ड अग्रिकल्चर एन्ड फूड सप्लाय" दुनिया भर के खाद्य और विटामिन की आपूर्ति को नियंत्रित करेंगे ।
नई विश्व व्यवस्था( न्यु ववर्ल्ड ऑर्डर) की क्या योजनाएं हैं ?
वे मुर्तिपूजक, ग्रंथों और बाइबल में विश्वास करते हैं, अपने भगवान, गॉड या अल्ला की पूजा करनेवाले सभी समुदायों का खातमा करना चाहते हैं । धर्म से दूर करते कानून का उपयोग किया जायेगा । ग्रंथों को, धार्मिक सिम्बोल को, मुर्तियों को बार बर अपमानित किया जायेगाऔर उन पर बॅन लगाने की भूमिका बनायी जाएगी । अंग्रेजीकेलेन्डर से इसा पूर्व और इसवी सन के बदले कोमन एरा आ गया है, इ.पू २२५ को २२५ बी.सी.ई ( बिफोर कोमन एरा ) कहा जाने लगा है और इ.स. २०१४ को २०१४ सी.ई. (कोमन एरा) कहा जाता है । धार्मिक छुट्टियोंऔर त्योहारों के बदले नयी छुट्टियां और त्योहार आ जायेन्गे । युरोप में खूले में सेक्स आधारित त्यौहार मनाने की शुरुआत हो चुकी है । भारत में वेलेन्टाईन डे से शुरुआत हो गयी है ।
नई विश्व व्यवस्था में सभी राष्ट्रीय मुद्राओं (करंसी) को मिटा कर एकइलेक्ट्रॉनिक कैश करंसी से सारे आर्थिक व्यावहारों को चलाया जाएगा ।
जो नई विश्व व्यवस्था को स्वीकार नहीं करेगा उन लोगों के लिए, नई विश्व व्यवस्था ने पहले से ही कोन्सन्ट्रेशन शिविरों का निर्माण किया है / कर रहे हैं 'रेनबो क्लासीफिकेशन' ओफ न्यु वर्ल्ड ऑर्डर प्रिजनर्स के नाम से । इंद्रधनुष (रेनबो) नई विश्व व्यवस्था के पैशाचिक साम्राज्य के प्रमुख के लिए ' पुल ' के रूप में माना जाता है । उदाहरण के लिए इस पूल को पार कर नयी दुनिया में जाना हो तो दैत्य ल्युसिफर की शपथ लेनी होगी ।
सभी कैदियों को शिक्षा के रूप में शैतान धर्म की दिक्षा दी जायेगी । आदमी जीन बाबतों को नही मानेगा उन बाबतों के आधार पर विरोध करने वाले सभी को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जायेगा । वर्गीकरण के अनुरूप कैदी को अलग अलग जगह पर भेजा जाएगा ।
1 धार्मिक बच्चों का वर्गीकरण , योजना के अनुसार , शैतान की पूजा के बडे समारोह के भीतर मानव बली के लिए , यौन ओर्गेनाजेशन में गुलाम यौन कर्मि बना कर किसी भी प्रकार के कार्य में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाएगा ।
2 कैदियों के एक वर्ग दवाओं और नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करने में काम आएगा, चिकित्सा प्रयोगों में काम आएगा ।
3 स्वस्थ कैदियों का वर्गीकरण, कैदी आंतर्राष्ट्रीय अंग दान केंद्र के काम आएन्गे । उन का एक एक अंग निकाल कर अन्यों के लिए उपयोग किया जायेगा और उन को तबतक यांत्रिक उपकरणों से जीवित रखा जाएगा जबतक सभी काम के अंग शैतान के डॉक्टर निकाल नही लेते ।
4 सभी स्वस्थ भूमिगत मजदूरों का वर्गीकरण । नई विश्व व्यवस्था मूल रूप से शैतान ल्युसिफर धर्म पर आधारित एक विश्वव्यापी तानाशाही है ; लोकतंत्र के भ्रम के साथ एक तानाशाही। हम जो इसे लिख रहे हैं उसी दौरान लोकतंत्र का भ्रम बनाए रखने के लिए , मजदूर कॅम्पस और मजदूरों को छुपाने के लिए बड़े पैमाने पर भूमिगत कालोनियां बन रही होगी ।
5 अनिश्चित कैदियों का वर्गीकरण, राजनीतिक और धार्मिक कैदियों को फिर से शिक्षित किया जाएगा ( कौन सा भी तरिका अपनाया जाएगा ) । बंदा अंतरराष्ट्रीय टेलीविजन कार्यक्रमों पर पश्चाताप और विश्व मानवता की महिमा और विश्व सरकार के गुणगान करने लगेगा ।
6 ये वर्गीकरण काफी स्पष्ट है, इन्टरनेशनल एक्जिक्युशन सेन्टर में भेजने लायक ।
7 वर्गीकरण सात, हम अभी सातवें वर्गीकरण के विवरण पर इंतजार कर रहे हैं, और उस बात का भी इन्तजार है कि इन वर्गिकृत कैदियों को कौन से रंग एलोट किए जानेवाले हैं । भविष्य का "स्वर्ग" बनाने के लिए नासा की ब्लू बीम योजना दुनिया की तमाम सभ्यता और धर्मो को तोडता हुआ कितनी तबाही करने बाला है कोइ नही जानता ।
प्रोजेक्ट ब्लू बीम
कुख्यात नासा की ब्लू बीम परियोजना नए युग के शैतान धर्म को लागू करने के लिए चार अलग अलग चरण में हैं । याद रहे न्यु एज धर्म के बीना नई विश्व व्यवस्था की तानाशाही पूरी तरह से असंभव है । दोहराता हूँ: नए युग धर्म में एक सार्वभौमिक धारणा के बिना, नई विश्व व्यवस्था की सफलता असंभव हो जाएगा! इसलिए तो ब्लू बीम परियोजना उनके लिए इतना महत्वपूर्ण है, लेकिन अच्छी तरह से अब तक छुपा के रख्खा है । ब्लू बीम टेक्नोलोजी के कारण थोडा अलग है वरना उन दानवओं के हर प्रोग्राम में एजन्डे समान ही है ।
नासा ब्लू बीम परियोजना का पहला चरण
सभी पुरातात्विक ज्ञान को उलट पूलट कर दो । सेटेलाईट फोटो, खास जगह पर कृत्रिम भूकंप, नयी नयी नकली पुरातात्विक साईट्स से समजाया जायेगा कि आप के धार्मिक सिध्धांतों में भूल है । अबतक जो मानते थे वो बात नही थी बात यही थी जो अब सामने आयी है । पहला कदम के लिए मनोवैज्ञानिक तैयारी के लिए पहले से ही फिल्में बनी हैं, ए स्पेस ओडिसी , ' स्टारट्रेक श्रृंखला, और 'इन्डिपेन्डन्ट डे', अंतरिक्ष से हमले और उस से निपटने के लिए सभी देशों का एक साथ हो जाना, एक फिल्म बनी थी जो डार्विन के विकास के सिद्धांत के साथ बनी थी 'जुरासीस पार्क, जीस में भगवान को नकार दिया है ।
जहां पर नकली दबा सत्य दबा है, उस अनजान जगहों से नयी (कृत्रिम मोडेल्स से बनी नकली ) चिजों को खोद निकाल ने के लिए रिडिस्कवरी के नाटक किए जायेन्गे और नये सत्य को खोज निकालेन्गे और धार्मिक मान्यताओं को बदला जाएगा। ऐसे सबूत बताएन्गे जो सभी मूल धर्मों के आधार को ही मिटा देन्गे ।
नासा ब्लू बीम परियोजना का दूसरा चरण
दूसरे चरण में विशाल थ्री डायमेन्शनल ऑप्टिकल होलोग्राम, आवाज, लेसर प्रोजेक्शन द्वारा दुनिया की अलग अलग जगह की मल्टिपल होलोग्राफिज तस्विरों में 'अंतरिक्ष शो' दिखाना, जीस में विभिन्न भागों में, प्रत्येक क्षेत्रीय, राष्ट्रीय धार्मिक आस्था के विपरित तस्विर बताई जायेगी ।
ऑडियो विज्युअल के माध्यम से उन के शैतान गॉड की सभी भाषाओं में आकाशवाणी होगी । इसे समजने के लिए पिछले 25 वर्षों में किये गये उन की विभिन्न गुप्त सेवाओं के अनुसंधान का अध्ययन करना चाहिए।सोवियत ने तो एक सुपर कोम्प्युटर बना लिया है और निर्यात भी कर रहा है, जो शरीर रचना और मानव शरीर की विद्युत संरचना, बिजली, रासायनिक और जैविक गुणों का अध्ययन, उस अध्ययन के आधार पर फिजियो-सायकोलोजिकल विवरण के साथ एक मिनिट में मानव मस्तिष्क तक पहुंचाता है ।
उन कोम्प्युटरों में सभी भाषाएं, सभी मानव संस्कृतियां उन के अर्थों को फिड किया हुआ है । नये मसिहा, उस के उद्देश्य और कार्यक्रमों को फिड किया जा रहा है । कोइ नई विश्व व्यवस्था की बातों का पालन नहीं करता हो तो आत्महत्या के विचारों को प्रेरित करने के लिए हर व्यक्ति, हर समाज और संस्कृति के लिए इलेक्ट्रॉनिक वेवलेन्ग्थ के आवंटन द्वारा आत्महत्या के तरीकों का सहारा लिया जाएगा ।
स्पेस शो कहां से आयेगा ? ये लगभग 60 मील की दूरी पर रहे पृथ्वी की सोडियम परत पर उपग्रह द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा । हम उन के टेस्ट देख सकते हैं लेकिन उसे 'युफो' या 'उडन तश्तरी' नाम दे दिया जाता है । आकाश को एक सिनेमा के पर्दे की तरह उपयोग किया जायेगा ।
नासा ब्लू बीम परियोजना का तिसरा चरण
तीसरे चरण को टेलिपॅथिक इलेक्ट्रॉनिक टू-वे कोम्युनिकेशन कहा जाता है । लेफ्टिनेंट कर्नल अलेक्जेंडर : 'उपग्रह के माध्यम से कृत्रिम सोच को मल्टिजेनिक फिल्ड में फिड करना संभव है और इस से और पूरे ग्रह के मानव मन पर नियंत्रण करना संभव है । एक व्यक्ति के विचार लगातार सवाल बनते जाएन्गे, वो अपने ही वैचारिक, धार्मिक और नैतिक सिमाओं से बाहर करनेवाले विचारों पर कार्रवाई नहीं कर पाएगा ।'
एक बार फिर समजना होगा यह टेलीविजन, विज्ञापन, आधुनिक शिक्षा और सामाजिक दबाव के विभिन्न प्रकार, उन सीमाओं में हेरफेर करने के लिए उपयोग किया जाता है ।
नासा ब्लू बीम परियोजना का चौथा चरण
चौथे चरण इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वैश्विक अलौकिक अभिव्यक्ति के लिए है ।
मानव जाति के मन में बात बैठा दो कि परग्रहवासी है और वो समय समय पर आक्रमण करते हैं । हमारी पूरानी सभ्यताओं का विनाश इन परग्रहवासी एलियनो के कारण हुआ था । हमारे शहरों पर कभी भी हमला कर सकते हैं । उन से बचने के उपाय में भारी बंदोबस्त करना होगा तो दुनिया के देशों को एकजुट हो कर साथ खडे रहना होगा ।
इलेक्ट्रॉनिक और अलौकिक ताकतों का एक मिश्रण है तो तरंगों को "अलौकिक ताकत" का आभास बना कर ऑप्टिकल फाइबर, केबल (टीवी), बिजली और फोन लाइन के माध्यम से यात्रा करने की अनुमति देगा। एंबेडेड चिप्स पहले से ही सभी जगह में फिट होगा। लक्ष होगा वैश्विक सैटेनिक भूत को एक साथ सभी जगह दिखा कर दुनिया की जनता में भय, उन्माद और पागलपन, आत्महत्या, हत्या और स्थायी मनोविकारों की एक लहर पैदा करना ।
इस तरह की ' नाईट ओफ थाउजन्ड स्टार्स ' के बाद दुनियाभर की आबादी अपनी स्वतंत्रता की किमत पर भी शांति और फिर से स्थापित व्यवस्था के लिए नये मसिहा की शरणागति के लिए तैयार हो जाएन्गे ।
हमें प्राप्त हुए कई रिपोर्ट्स के अनुसार, और हमे भी विश्वास है कि दुनिया भर में आर्थिक संकट खडा किया जाएगा और जगत के आर्थिक जगत को पूर्ण दुर्घटनाग्रस्त किया जाएगा । एकदम बरबाद नही पर उतना घायल कि उस के बचाव में दुनिया भर की कागज या प्लास्टिक मनी को इलेक्ट्रॉनिक नकदी नें बदल ने का मौका मिल जाए । भारत सहित देश विदेश में इन शैतानो के साथी इस नयी शैतान नी मुद्रा की वकालत करने में लग गये हैं ।
पेपर करंसी को मिटाना एक ही कारण है, दुनिया भर की जनता को आर्थिक रूप से गुलाम बनाना । आदमी अपने खून पसीनो से कमाया हुआ धन अमानत के रूप में शैतानो के पास रखने को विवश होगा, खूनी भेडियों के मुह में हिफाजत के लिए अपनी ही गरदन रख ने जैसा है । किसी को भी धन से बेदखल कर देना एक माउस क्लीक या एक कीबोर्ड का डिलेट बटन ही काफी होगा। मानव का अस्तित्व ही शैतानो की दया पर होगा ।दानवों का विद्रोह कर रहे विद्रोहियों के लिए कोइ फंडिन्ग नही कर पाएगा।
किसी भी तरह की स्वतंत्रता को रोकने के लिए मानवप्राणी में माइक्रोचीप लगाना चाहते हैं । क्यों कि मानव इधर उधर कहीं भागता ना रहे, सेटेलाईट के उस का पिछा किया जा सके, वो क्या करता है, किसे मिलता है वो जाना जा सकता है।
नई विश्व व्यवस्था पहले से ही एक खाद्य और विटामिन की आपूर्ति पर हर किसी को शैतानो पर निर्भर बनाने के लिए सभी देशों के कानून बदलवा रहे है । भारत को टार्गेट करने के लिए शैतान के साथी आमर्त्यसेन का बनाया और दानव के प्यादे सोनिया-मनमोहन का पारित खाद्य सुरक्षा बील एक अच्छा उदाहरण है ।
वे ऐसे धर्मों के लिए खास कानून बनाते हैं जो धर्म संभवतः NWO के विरोध करने में सक्षम हो। भारत में हिन्दुओं के लिए अलग से कानून बनते हैं जो हिन्दुओं को ही नूकसान के लिए बनते हैं ।
एक तानाशाही विश्वसरकार का लक्ष्य है इस ग्रह पर हर जगह, हर किसी को बेरहमी से और बिना किसी अपवाद के साथ नियंत्रित करना है ।
इस लिए तो जनता को कंट्रोल करने की, हर जगह नयी नयी टेक्नोलोजी उपयोग में लाई जा रही है । १९४० और १९५० की टेक्नोलोजी जनता की उन्नति और जीवन को आसान बनाने के लिए थी। नयी टेक्नोलोजी सभी जगह जनता को कंट्रोल और ट्रेक करने के लिए डिजाईन हो रही है । इस तकनीक को एक विशेष उद्देश्य के लिएनिर्मित किया है और इस से दुनिया की पूरी आबादी को वश में रखना है ।
आप इसे नहीं देख सकते हैं, आप इसे नही समज सकते हैं, तो आप और आपके परिवार और दोस्तों के लिए हर राज्य, हर शहर के स्मशान में रहे अग्नी का शिकार होना तय है। इस अधिनायकवादी पुलिस राज्य में कोइ भी सुरक्षित नही है!
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