आखिर क्यों तोडना चाहती है सरकार राम सेतु ?… पूरा पड़ें सम्बंधित विडियो देखें और सच जानें और शेयर करे
ये इसे तोड़ने मे एक बार असफल हो चुके हैं ये दुबारा नया प्लान बना है
खबर आ रही है कि रामसेतु को तोडने का फ़ैसला किया गया है इस कांग्रेस सरकार द्वारा, हिन्दुओ की आस्था और भगवान रामचन्द्र जी निशानी को कांग्रेस सरकार अपने फ़ायदे के लिए तोडना चाहती है केंद्र सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना पर आरके पचौरी समिति को खारिज करने का फैसला किया है। यानी अब यह परियोजना रामसेतु को तोड़कर ही पूरा किया जाएगा।
हिंदुओ का 17 लाख पुराना(राम सेतू) ये मनमोहन सिहं खुद तोड़्वाना चाहता हैं। क्यों कि ऐसा करने के लिये उसको अमेरिका ने आदेश दिया हैं।
मनमोहन सिंह अमेरिकन एजेंट है जिसने करुणानिधि और T.R.Balu के साथ मिलकर ये प्लान बनाया है
भगवान श्री राम की सबसे बड़ी निशानी श्री राम सेतु को तोड़ा जाए और कचरा अमेरिका को बेचा जाये ….
ये कचरा नही है भारतीय साइंटिस्ट का कहना है | की इस सेतु ( धनुस कोटि ) के तली मे 7 तरह के रेडियो एक्टिव एलीमेंट है | जो सिर्फ़ भारत में ही मिले है
जिससे निकाल कर 150 साल तक बिजली और परमाणु बम्ब बनाये जा सकते हैं । और ये
बात भारत के सबसे बड़े वैज्ञानिक डॉ ऐ . पी . जे अबदुल कलाम जी ने कही थी ।
ये रहा कलाम साहब की बात का लिंक …
मित्रो अमेरिका की नजर इस रेडियो एक्टिव मैटिरियल पर लगी ।ये लोग इसे अमेरिका
को बेचना चाहते हैं ,
ये इसे तोड़ने मे एक बार असफल हो चुके हैं ये दुबारा नया प्लान बना रहे
है..उसे युनेस्को जैसी बाहरी संस्था के हवाले न किया जाए…
है..उसे युनेस्को जैसी बाहरी संस्था के हवाले न किया जाए…
जिन लोगो ऊपर लिखे पर विशवास न हो वो सिर्फ़ एक बार ये video देखें ।
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विडियो लिंक :-http://www.youtube.com/watch?v=6vL2imvw4FA&sns=fb
थोरियम एक “रेडियोएक्टिव” पदार्थ है जिसका उपयोग परमाणु ऊर्जा बनाने के लिए होता हैl भारत में इसके भण्डार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जिसका मूल्य 48 लाख करोड़ रुपयों से भी ज्यादा हैl
इसकी शुरुआत तब होती है, जब पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति जोर्ज बुश भारत आये थे और एक सिविल न्यूक्लीयर डील पर हस्ताक्षर किये गए जिसके अनुसार अमरीका भारत को युरेनियम-235 देने की बात कही l उस समय पूरी मीडिया ने मनमोहन सिंह की तारीफों के पुल बांधे और इस डील को भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया, पर पीछे की कहानी छुपा ली गयी l
आप ही बताइए जो अमरीका 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद भारत पर कड़े प्रतिबंध लगाता है वो भारत पर इतना उदार कैसे हो गया की सबसे कीमती रेडियोएक्टिव पदार्थ भारत को मुफ्त में देने की डील करने लगा ?
दरअसल इसके पीछे की कहानी यह है की इस युरेनियम-235 के बदले मनमोहन सिंह ने यह पूरा थोरियम भण्डार अमरीका को बेच दिया जिसका मूल्य अमरीका द्वारा दिए गए युरेनियम से लाखो गुना ज्यादा है l आपको याद होगा की इस डील के लिए मनमोहन सिंह ने UPA-1 सरकार को दांव पर लगा दिया था, फिर संसद में वोटिंग के समय सांसदों को खरीद कर अपनी सरकार बचायी थी l यह उसी कड़ी का एक हिस्सा है l
दरअसल इसके पीछे की कहानी यह है की इस युरेनियम-235 के बदले मनमोहन सिंह ने यह पूरा थोरियम भण्डार अमरीका को बेच दिया जिसका मूल्य अमरीका द्वारा दिए गए युरेनियम से लाखो गुना ज्यादा है l आपको याद होगा की इस डील के लिए मनमोहन सिंह ने UPA-1 सरकार को दांव पर लगा दिया था, फिर संसद में वोटिंग के समय सांसदों को खरीद कर अपनी सरकार बचायी थी l यह उसी कड़ी का एक हिस्सा है l
थोरियम का भण्डार भारत में उसी जगह पर है जिसे हम ‘रामसेतु’ कहते हैं, यह रामसेतु भगवान राम ने लाखों वर्ष पूर्व बनाया था, क्योंकि यह मामला हिन्दुओं की धार्मिक आस्था से जुड़ा था इसलिए मनमोहन सरकार ने इसे तोड़ने के बड़े बहाने बनाये …….जिसमें से एक बहाना यह था की रामसेतु तोड़ने से भारत की समय और धन की बचत होगी, जबकि यह नहीं बताया गया की इससे भारत को लाखों करोड़ की चपत लगेगी क्योंकि उसमें मनमोहन सिंह, कांग्रेस और उसके सहयोगी पार्टी डीएमके का निजी स्वार्थ था l
भारत अमरीका के बीच डील ये हुई थी की रामसेतु तोड़कर उसमें से थोरियम निकालकर अमरीका भिजवाना था तथा जिस कंपनी को यह थोरियम निकालने का ठेका दिया जाना था वो डीएमके के सदस्य
टी आर बालू की थी………अभी यह मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है l
इस डील को अंजाम देने के लिए मनमोहन (कांग्रेस) सरकार भगवान राम का अस्तित्व नकारने का पूरा प्रयास कर रही है, ओने शपथपत्रों में रामायण को काल्पनिक और भगवान राम को मात्र एक ‘पात्र’ बताती है और सरकार की कोशिश है की ये जल्द से जल्द टूट जाये, जबकि अमरीकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा ने रामसेतु की पुष्टि अपनी रिपोर्ट में की है l
टी आर बालू की थी………अभी यह मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है l
इस डील को अंजाम देने के लिए मनमोहन (कांग्रेस) सरकार भगवान राम का अस्तित्व नकारने का पूरा प्रयास कर रही है, ओने शपथपत्रों में रामायण को काल्पनिक और भगवान राम को मात्र एक ‘पात्र’ बताती है और सरकार की कोशिश है की ये जल्द से जल्द टूट जाये, जबकि अमरीकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा ने रामसेतु की पुष्टि अपनी रिपोर्ट में की है l
अतः यह जान लीजिये की अमरीका कोई मूर्ख नहीं है जिसे एकाएक भारत को समृद्ध बनाने की धुन सवार हो गयी है, यदि अमरीका 10 रुपये की चीज़ किसी को देगा तो उससे 100 रुपये का फायदा लेगा, और इस काम को करने के लिए उन्होंने अपना दलाल भारत में बिठाया हुआ है जिसका नाम है “मनमोहन सिंह” l
अब केवल कैग रिपोर्ट का इंतज़ार है…जो कुछ दिनों में इस घोटाले की पुष्टि कर देगी…. यदि 1.86 लाख करोड़ का कोयला घोटाला महाघोटाला है तो 48 लाख करोड़ के घोटाले को क्या कहेंगे ? आप ही बताइए
इस पर बारीक विश्लेषण के लिए राजीब भाई का यह विडियो देखें, उन्होंने इस घोटाले की पुष्टि 2008 में ही कर दी थी
इस पर बारीक विश्लेषण के लिए राजीब भाई का यह विडियो देखें, उन्होंने इस घोटाले की पुष्टि 2008 में ही कर दी थी
श्री राजीव भाई कहते है श्रीमती इंदिरा गाँधी ने जब परमाणु बोम्ब ब्लास्ट किया था तोह अमेरिका ने भारत को इउरेनियम देना बंध कर दिया था फिर वाजपयी जी की सरकार ने जब दो परमाणु बोम्ब धमाके किये तो अमेरिका ने भारत की कंपनियों के ऊपर पाबंधिया लगाई फिर अचानक अमेरिका के दिल में इतनी दया कैसे ई के भारत को इउरेनियम देना है ?
असल बात कुछ और है और वो बात बहुत गहरी है | भारत के वैज्ञानिक पिछले कई वर्षो से ये खोजने में लगे हुए है के इउरेनियम के अतिरिक्त और कोनसा हमारे पास रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे हम बोम्ब बना सके या बिजली भी बना सके | Atomic Energy Commission के ६००० वैज्ञानिक पिछले ४० सालो से इसी काम में लगे हुए है | उनको पता चला के भारत के तमिलनाडु , केरल का जो समुद्री एरिया है उहाँ पर बहुत बड़ी मात्रा में ऐसा रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे अगले १५० साल तक बिजली बनायीं जा सकती है और दुसरे देशो से भीख मांगने की भी जरुरत नही होगी | डॉ कालाम का कहना था के ४ लाख Mega-watt बिजली हर घंटे अगले १५० साल तक बना सकते है |
अब अमेरिका की नज़र हमारे उस इंधन पे है और वो चाहता है भारत उस इंधन को अमेरिका को दे और बदले में अमेरिका थोडा इउरेनियम हमको दे | इस खेल को पूरा करने के लिए अमेरिका श्री राम सेतु को तोड़ना चाहते है उनके एजेंट मनमोहन सिंह के जरिये किउंकि वैज्ञानिको ने पता लगाया है के श्री राम सेतु के निचे ही सबसे जादा रेडियो एक्टिव इंधन है |
असल बात कुछ और है और वो बात बहुत गहरी है | भारत के वैज्ञानिक पिछले कई वर्षो से ये खोजने में लगे हुए है के इउरेनियम के अतिरिक्त और कोनसा हमारे पास रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे हम बोम्ब बना सके या बिजली भी बना सके | Atomic Energy Commission के ६००० वैज्ञानिक पिछले ४० सालो से इसी काम में लगे हुए है | उनको पता चला के भारत के तमिलनाडु , केरल का जो समुद्री एरिया है उहाँ पर बहुत बड़ी मात्रा में ऐसा रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे अगले १५० साल तक बिजली बनायीं जा सकती है और दुसरे देशो से भीख मांगने की भी जरुरत नही होगी | डॉ कालाम का कहना था के ४ लाख Mega-watt बिजली हर घंटे अगले १५० साल तक बना सकते है |
अब अमेरिका की नज़र हमारे उस इंधन पे है और वो चाहता है भारत उस इंधन को अमेरिका को दे और बदले में अमेरिका थोडा इउरेनियम हमको दे | इस खेल को पूरा करने के लिए अमेरिका श्री राम सेतु को तोड़ना चाहते है उनके एजेंट मनमोहन सिंह के जरिये किउंकि वैज्ञानिको ने पता लगाया है के श्री राम सेतु के निचे ही सबसे जादा रेडियो एक्टिव इंधन है |
श्री राम सेतु सिर्फ हिन्दुओं की आस्था का ही केंद्र नहीं बल्कि भारत की परमाणु क्षमता थोरियम का खज़ाना भी है इसलिए सभी धर्म के लोग जो भारत को एक विकसित राष्ट्र देखना चाहते हो वो सभी अपनी आवाज़ उठायें सरकार रामसेतु को सिर्फ इसलिए तोडना चाहती है की उसके नीचे थोरियम है… इस बात को देश के पूर्व राष्ट्रपति डा कलाम ने भी प्रमाणित किया था की भारत के पास बहुत थोरियम है…………
1 comment:
i was looking the same article today and reading...grt to see your blog in hindi.
i appreciate your efforts in such detailed.
but i have questions; whether such information was available in our literature previously like ramayana and mahabharata..
Can you throw some information on russian scientist found 5000 years old vimana in time well caves in afganistan.
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