एक तुच्छ निवेदन = जैसा कि आप जानते हैं कि देश में सनातन धर्म की क्या दशा हो रही है! छद्म धर्मनिरपेक्षता और तुष्टिकरण की राजनीति ने देश को खोखला कर दिया है, एक बात सदैव ध्यान रखिये "धर्मो रक्षित रक्षितः" अर्थात "धर्म की रक्षा करोगे तो धर्म तुम्हारी रक्षा करेगा" दूसरे देशो की तरफ देखिए , उनके यहाँ की स्तिथियों की तुलना भारत से कीजिये, मुझे सिर्फ एक देश का नाम बता दीजिये जो ये कहता हो की हम "धर्मनिरपेक्ष" है, वहाँ पहले धर्म होता है बाद में सारी चीजें, और दुर्भाग्य से भारत में पहले विधर्मियों का तुष्टिकरण होता है, और बाद में बाकी सारे काम, मेरी हार्दिक इच्छा है लोग पहले अपने धर्म को महत्व दें बाद में दूसरी नगण्य चीजों को, अब कुछ लोग कहेंगे की "भाई हमारा तो धर्म Humanity है हम Hindu बाद में हैं Human पहले" उनसे तो बस इतना कहना है "भाई तुमने Humanity का मतलब अभी समझा ही कहाँ है, मुस्लिमों की कुरान कहती है "मुसलमान बनो" ईसाईयों की बाइबिल कहती है "ईसाई बनो", पर हम हिंदुओं के वेद कहते हैं "मनुर्भव: अर्थात मनुष्य (Human) बनो!" तुम Hindu बन जाओगे तो उसी समय Human भी बन जाओगे! अब ये कहोगे की हम तो हिन्दू पहले से है, इसका उत्तर ये है की सनातन धर्म में पैदा होना और सनातन धर्म को जीवन में उतारना दो अलग-अलग बातें हैं, सनातन धर्म में तो विधर्मियों के वोट बैंक के प्यासे राजनेता भी पैदा हुए हैं, जब धर्म रक्षा और धर्म कल्याण की भावना तुम्हारे अंदर आएगी तब तुम हिन्दू या सनातनी कहलाओगे!
तो ये विचार अपने अंदर समाहित कर लो की "धर्म पहले बाकी सब बाद में तभी कल्याण होगा गर्व से कहो हम हिन्दू हैं"
धन्यवाद
तो ये विचार अपने अंदर समाहित कर लो की "धर्म पहले बाकी सब बाद में तभी कल्याण होगा गर्व से कहो हम हिन्दू हैं"
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