tag:blogger.com,1999:blog-4741447372318684864.post1942802630066612336..comments2023-08-25T09:09:09.538-07:00Comments on THE HINDU BLOG: MAHAVAZRAhttp://www.blogger.com/profile/09628966344704602304noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4741447372318684864.post-78796196800303870832016-09-27T07:46:32.235-07:002016-09-27T07:46:32.235-07:00ये बात से मै पूरी तरा से सहमत हूँ|
---------------...ये बात से मै पूरी तरा से सहमत हूँ|<br />------------------------------<br />कई बार बताया है कि ऐसे कार्यों में राजसी कपङे पहने मुकुट वगैरह लगाये । हाथ में धनुष वाण लिये । चक्र गदा आदि लिये कोई देवी देवता नहीं उतरेंगे । ( क्योंकि हर बात देश समाज काल की स्थितियों के अनुसार ही होती है । ) बल्कि प्रमुख मनुष्यों को माध्यम बनाकर आवेश द्वारा ये खेल होगा । जैसे हम रिमोट कंट्रोल से टीवी चलाते हैं ।<br />सर्वप्रथम धर्म या धर्मगुरुओं के क्षेत्र में जनता को घोर अविश्वास पैदा हो जायेगा । इसको दूसरे शब्दों में यों भी कह सकते हैं कि जनमानस को भृमित करने के लिये नकली धर्मगुरुओं की फ़ौज<br />और इस वजह से उसकी धर्म या भगवान से आस्था ही उठ जायेगी । या संदेह पैदा हो जायेगा । कुछ धर्म समर्थक और कुछ विरोधी अपनी अपनी अज्ञानता और कुतर्कों से भृम फ़ैलाकर ( अपने कार्यों द्वारा भी ) इस आग में घी डालने का काम ही करेंगे ।<br />राजनेता नीचता बेशर्मी और बेहयाई का पर्याय बन जायेंगे । और सरेआम ( बलात्कार समान - जबरदस्ती किया गया कार्य ) भृष्टाचार के गुणगान करेंगे । यदि धर्म शास्त्र की भाषा में कहें । तो ओजहीन होकर ऊल जलूल क्रियाकलाप करने को विवश हो जायेंगे ।<br />- पाप अपने सभी अंगों से खुलकर प्रकट हो जायेगा । जीव हत्या बङे पैमाने पर होगी । यह पाप कर्म और उसका आवरण घेरा जीव को सोचने नहीं देगा । और वह अन्त में दुर्गति को प्राप्त होगा ।<br />- प्रकृति नियमानुसार ऐसी स्थिति में विनाश के लिये तैयार हो जायेगी । और सभी चीजों का नव सन्तुलन बनाकर अपना कार्य करेगी ।<br />कलियुग के अभी 17 000 से भी अधिक वर्ष शेष हैं<br />------------------------------<br />ये बात से मै पूरी तरा से सहमत नही हूँ|-----------------------------------<br />एक खुशहाल हरी भरी और स्थान से भरपूर सभी तरह से समृद्ध उस प्रथ्वी को देखेंगे । जिस पर सिर्फ़ एक ही धर्म की पताका फ़हरा रही होगी । और वह है - सनातन धर्म ।<br />इसके साथ ही आप बदलाव की उस अदभुत घटना के भी साक्षी होंगे । जो बहुत ही कम जीवों को नसीब होती है । मेरी जानकारी के अनुसार 2025 से 3025 तक एक हजार वर्षों के लिये अस्थायी सतयुग रहेगा । और सिर्फ़ एकमात्र सनातन धर्म को पूर्ण समृद्ध किया जायेगा ।<br />------------------------------<br />क्यों के पाप भी अपनी पूरी तरह से चरम सीमा पे होगा <br /><br /><br />Anonymousnoreply@blogger.com